New Romantic & Hindi Love Story - नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आप सभी का आज की नई और मजेदार कहानी में। आज की इस कहानी का नाम है - " तू मेरा हमसफ़र " । यह एक Hindi Love Stories है। जिसे पढ़कर आपको खूब मजा आने वाला है।
इस कहानी को हम 13 - भागों में पूरा करेंगे। कहानी को पूरा पढ़ने में हम आपकी मदद करेंगे। तो अब बैठ जाइए एक अच्छी सी जगह पर जहां आपको कोई परेशान न करे और मजा लीजिए आज की इस प्रेम कहानी का।
तू मेरा हमसफ़र - भाग (1)
गरिमा और रितिक बहुत अच्छे Lovers थे। 10 साल के रिश्ते के बाद उनकी Love Marriage हुई थी। अब रिश्ता 10 साल से था तो जाहिर सी बात है प्यार भी बेशुमार होगा। दोनों के लिए यह शादी किसी सुहावने सपने से कम नहीं थी। और यह सुहावना सपना सच भी हो चुका था। दोनों इस शादी से बहुत ही ज्यादा खुश थे।
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शादी के बाद गरिमा ससुराल आयी। गरिमा और रितिक के लिए यह एक नये सफर की शुरुआत थी। जिसमें वे एक दूसरे का भरपूर साथ दे रहे थे। सास ससुर और रितिक के अलावा गरिमा की ससुराल में एक ननंद भी थी।
आज गरिमा बहुत खुश थी क्योंकि आज उसकी इकलौती ननंद रितिक की शादी के बाद पहली बार घर लौट रही थी। रितिक की बहन रागिनी की शादी हो चुकी थी।
रितिक - " जानू ! आपको पता है ना कि आज हमारी छोटी बहन रागिनी घर आ रही हैं। मैं उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट जा रहा हूं। अगर आपको कुछ सामान मंगवाना हो तो बता दो। आते हुए ले आऊंगा। "
गरिमा - " नहीं जी , कुछ नहीं मंगवाना। लेकिन आप ध्यान से जाना और अपना ख्याल रखना।
रितिक - " ठीक है , Bye "
और रितिक एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह अपनी बहन रागिनी से मिलता है। और वे दोनों थोड़ी बहुत बातचीत भी करते हैं।
इधर गरिमा अब अपनी सास के पास जाकर बैठ जाती है। गरिमा की सास अनुसूया एक शांत स्वभाव की महिला है। गरिमा की सास उसे बहुत प्यार करती है क्योंकि गरिमा ने ससुराल पहुंच कर ही सभी का दिल जीत लिया था। और गरिमा भी अपनी सास को अपनी मां की तरह प्यार करती है।
गरिमा - " मम्मा ! आपको पता है , मैं सोच रही थी कि काश मेरी और रितिक की शादी पहले क्यों नहीं हुई। क्योंकि मैं अपनी ननंद साहिबा की शादी देखना चाहती थी और अपने सभी शौक पूरे करना चाहती थी। "
अनुसूया - " बेटा अगर रितिक ने मुझे पहले बता दिया होता तो मैं सबसे पहले तुम दोनों की शादी करवाती और उसके बाद रागिनी की। "
यह सुनकर गरिमा मुस्कुराने लगती है। गरिमा की यही मुस्कान देखकर अनुसूया खुश हो जाती है।
गरिमा ने अपनी सास से रागिनी की पसंद का भोजन पूछा और रागिनी की पसंद का सारा भोजन पका कर तैयार कर दिया। अब इंतजार था रागिनी और रितिक के आने का।
इधर रागिनी और रितिक भी अपनी गुप - चुप में मस्त थे। रागिनी ने रितक से पूछा - " भईया ! भाभी कैसी हैं और वे आपका ध्यान अच्छे से रखती है ना ? "
" अरे हां पगली , वह तो तुमसे भी ज्यादा खूबसूरत हैं और वह मेरा बहुत अच्छे से ख्याल भी रखती हैं। " - रितिक बोलता है ।
लेकिन हां तुम्हारी भाभी बोलती बहुत ज्यादा हैं लेकिन अब उनकी बातों को सुनते सुनते आदत सी पड़ गई है। बिना गरिमा के घर में रौनक नहीं रहती।
रागिनी - " मम्मी - पापा भी यही बोलते हैं। दिन-रात अपनी बहू के गुणगान करते रहते हैं वे दोनों। "
दोनों ठहाके मार कर हंसते हैं। और इतने में वे दोनों घर पहुंच जाते हैं। जैसे ही गरिमा और उसकी सास को पता चलता है तो वे दोनों बाहर आ जाते हैं।
बाहर आकर सबसे पहले गरिमा अपनी ननद रागिनी के पैर छूती है। यह देख कर रागिनी बोलती है - " अरे भाभी ! ये आप क्या कर रही हैं। मैं तो रितिक भाई से 1 साल छोटी हूं तो आपसे भी 1 साल छोटी ही हुई। तो आप ये सब रहने दो।
लेकिन फिर भी गरिमा अपनी ननद के पैर छू ही लेती है। और बोलती है - " हमारे यहां तो भाभियां अपनी सभी ननंद के पैर छूती हैं , चाहे फिर वह छोटी हो या बड़ी। "
और फिर गरिमा अपनी ननद के गले लगती है। रागिनी अपनी मां की भी गले लगती है और फिर सब लोग मिलकर घर में अंदर चले जाते हैं। और इसी के साथ इस कहानी का पहला भाग समाप्त होता है।
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Special Words -
उम्मीद करता हूं , दोस्तो ! आपको आज की यह Love Story ( तू मेरा हमसफ़र ) काफी पसंद आयी होगी। पसंद आयी हो तो नीचे comment में हमें जरूर बताएं। यह इस कहानी का पहला भाग है। अगर आप इस कहानी का अगला भाग भी पढ़ना चाहते हैं तो Comment जरूर करें।
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