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बेवकूफ नाई | Bewkoof Nai | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Kahani

बेवकूफ नाई | Bewkoof Nai | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Kahani
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Mar 6, 2023
हेलो दोस्तो ! कहानी की इस नई मजेदार Series में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आज की इस कहानी का नाम है - " बेवकूफ नाई "  यह एक Bedtime Story है। अगर आप भी Hindi Kahaniya, Moral Story in Hindi या Bed Time Stories पढ़ने का शौक रखते है तो इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।

बेवकूफ नाई | Bewkoof Nai | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Kahani

Bewkoof Nai| Hindi Kahaniya| Moral Stories | Bed Time Story | Hindi Kahani 



 बेवकूफ नाई 

एक बार की बात है... तड़कापुर नामक गांव में झुमरू नाम का एक नाई रहा करता था। वह बहुत गरीब था। 

उसके दो बच्चे और बीवी थी। झुमरू गांव वालों के बाल काटकर ही अपना जीवन यापन कर पाता था। 

एक दिन...
झुमरू की पत्नी," अजी, सुनते हो... घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। दोपहर जब बच्चे स्कूल से लौटेंगे तो क्या खिलाऊंगी उन्हें ? आपका काम कब सही चलेगा ? "

झुमरू," मैं जानता हूं शर्मीली। लेकिन मैं क्या करूं ? जब से मेरी दुकान के सामने सीनू ने अपनी दुकान खोली है तब से सब लोग उसी की दुकान पर जाते हैं। 

वह मीठी मीठी बातों से गांव वालों को फंसा लेता है जिसकी वजह से अब कोई भी गांव वाला मेरे पास बाल कटवाने नहीं आता है। "

शर्मीली," लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम भूखे मर जाएंगे। देखिए जी... मुझे अपनी चिंता नहीं है। लेकिन अपने दो छोटे छोटे बच्चे हैं। मुझसे उनकी भूख नहीं देखी जाती। "

झुमुरू," तुम चिंता मत करो। मैं कुछ करता हूं। "

इसके बाद झुमरू वहां से चला जाता है और सीधा गांव के सरपंच के पास जाता है।

सरपंच (झुमरू को देखते ही)," अरे झुमरू ! तुम..?? आओ आओ। कैसे आना हुआ ? बड़े उदास हो। सब ठीक तो है ना ? "

झुमरू," सरपंच जी, मैं बहुत दुखी हूं। इसीलिए आपके पास आया हूं। अब आप ही मेरी मदद कर सकते हैं। "


सरपंच," मैं... और तुम्हारी मदद, बोलो क्या हुआ है ? क्या मदद चाहिए तुम्हें ? "

झुमरू," सरपंच जी, आप तो जानते हैं ना... मैं कई सालों से इस गांव में गांव वालों के बाल काटने का काम कर रहा हूं। 

लेकिन कुछ दिनों से मेरे पास कोई भी गांव वाला बाल कटवाने नहीं आया है जिससे मेरे घर में एक भी अनाज का दाना नहीं है। 

मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मेरे बच्चे भूखे मर जाएंगे। "

सरपंच," लेकिन झुमरू आखिर क्यों तुम्हारे पास गांव का कोई भी व्यक्ति बाल कटवाने नहीं आ रहा है ? क्या तुम से कोई गलती हुई है ? "

झुमरू," सरपंच जी, वह सीनू है ना... उसने मेरी दुकान के ठीक सामने अपनी एक नाई की दुकान खोल दी। 

वह किसी भी गांव वालों को मेरी दुकान की तरफ नहीं आने देता। बहुत चालाकी से गांव वालों को फंसा लेता है जिसकी वजह से आज मेरी यह हालत हो गई है। "

सरपंच," अरे झुमरू ! अब इसमें मैं भला तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं...हां ? अब जब कोई भी गांव वाला तुमसे बाल नहीं कटवाना चाहता तो क्या करूं मैं बताओ ? 

बाकी रही बात सीनू की... तो वह तो है ही एक नंबर का चालाक इंसान सबको पता है। उससे तुम क्यों पंगा लेते हो ? मेरी मानो तो तुम अब कोई और काम देख लो। "


झुमरू," यह आप क्या कह रहे हैं सरपंच जी ? मैं कई सालों से इस गांव में बाल काटने का काम करता आया हूं। इसके अलावा तो मुझे कुछ और आता भी नहीं तो मैं क्या करूं ? "


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सरपंच," देखो भाई झुमरू, इसमें मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता समझे। "

झुमरू बहुत उदास हो जाता है और वहां से निकल जाता है। झुमरू जब वहां से जा ही रहा होता है तो रास्ते में उसे गांव का एक आदमी मिलता है जो झुमरू को पहले से ही जानता था।

आदमी," अरे झुमरू भैया ! कहां जा रहे हो और वह भी इतना उदास होकर ? सब ठीक तो है ना भैया ? "

झुमरू," नहीं भैया, कुछ भी ठीक नहीं है। मैं बहुत दुखी हूं। कई दिनों से मेरी दुकान पर कोई भी गांव वाला बाल कटवाने नहीं आ रहा है जिसकी वजह से मेरे पास बिल्कुल भी पैसे नहीं हैं और ना ही मेरे घर में अनाज का एक दाना है। घर में बीवी बच्चे भूखे हैं। "

आदमी," झुमरू भैया, यह तो बड़े ही दुख की बात है। चलो तुम मेरे साथ चलो। मेरे पास पैसे तो नहीं है लेकिन मेरे घर में काफी सारा अनाज है। मैं तुम्हें उसमें से कुछ अनाज दे दूंगा। "

इसके बाद झुमरू उसके घर जाता है। वह आदमी एक अनाज की बोरी में से थोड़ा सा अनाज एक लाल रंग की पोटली में बांध देता है। 

आदमी," यह लो झुमरू भैया, इस अनाज को पकाकर अपने बीवी - बच्चों को खिला देना। "

झुमरू," बहुत-बहुत धन्यवाद भाई ! मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगा। "

इसके बाद झुमरू उस लाल पोटली को ले जा ही रहा होता है तभी एक आदमी जो चोर होता है यह सोचकर कि इस पोटली में धन है, झुमरू के हाथ से छीनकर भागने लगता है। 

झुमरू भी चलाते हुए उसके पीछे पीछे भागने लगता है। 

झुमरू," चोर - चोर, पकड़ो इसे। अरे भैया ! मेरी पोटली मत ले जाओ। ऐसा मत करो। मुझे मेरी पोटली वापस कर दो। "


झुमरू भागते भागते एक कुएं के पास पहुंच जाता है। वह चिल्ला ही रहा होता है कि तभी उसे एक आवाज सुनाई देती है। 

जब झुमरू पलट कर देखता है तो एक बूढ़ा बाबा दिखता है जिसके एक हाथ में लाठी और दूसरे हाथ में एक थैला होता है। 

बूढ़ा बाबा," अरे ! क्या हुआ बच्चे ? क्यों चिल्ला रहे हो ? सब ठीक तो है ना ? क्यों इतना दुखी आवाज में चिल्ला रहे हो ? "

झुमरू," बाबा, मैं बहुत गरीब हूं। गांव में कई सालों से बाल काटने का काम कर रहा हूं। लेकिन कुछ दिनों से कोई भी गांव वाला मेरे पास नहीं आ रहा है जिसकी वजह से मेरे घर में ना ही पैसे हैं और ना ही अनाज का एक दाना। मेरे बीवी बच्चे बहुत भूखे हैं बाबा। "

बूढ़ा बाबा," तुम मुझे एक बहुत भले इंसान लगते हो। बेटा, मुझे बहुत तेज प्यास लगी है। क्या तुम मुझे इस कुएं से पानी निकाल कर पिला सकते हो ? तुम्हारी मेहरबानी होगी। 

झुमरू (मन में)," चोर तो मेरी पोटली लेकर भाग गया। अब कम से कम इस बूढ़े बाबा की प्यास ही बुझा दूं। "

झुमरू," हां बाबा, क्यों नहीं ? अभी निकलता हूं पानी। "

झुमरू बाल्टी के सहारे कुएं से पानी खींचता है।

बूढ़ा बाबा," अरे वाह ! आत्मा तृप्त हो गई। वाह बेटा ! इतने दुख में होते हुए भी तुमने दूसरे के दुख को समझा। बहुत दयालु आदमी हो तुम। अगर तुम्हारी कोई इच्छा हो तो मांग सकते हो। "

यह सुनकर झुमरू चौक गया और बोला," बाबा मैं धन - वन का भूखा नहीं हूं। बस अपने परिवार को भरपेट खाना और अच्छी शिक्षा देना चाहता हूं। "


बूढ़ा बाबा," बहुत उत्तम विचार है तेरे। यह लो बेटा, यह जादुई कैंची है। इससे तुम्हारे सारे दुख खत्म हो जाएंगे। जिस भी इंसान के बाल इस जादुई कैंची से कटेंगे, वह बार-बार तुम्हारे ही पास आएगा। 

लेकिन याद रखना कोई गलत आदमी अगर इसका इस्तेमाल करेगा तो परिणाम गलत ही होंगे। "

झुमरू यह सुनकर बड़ा ही हैरान रह जाता है। 

झुमरू," क्या सच में बाबा ? यह जादुई कैसी है बाबा ? "


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बूढ़ा बाबा," हां बच्चे, लेकिन याद रखना... जब इस कैंची को लगेगा कि अब तुम्हें इस कैंची की जरूरत नहीं है तो ये तुम्हारी इच्छा से गायब हो जाएगी। "

झुमरू," ठीक है बाबा, मैं ध्यान रखूंगा। "

इसके बाद झुमरू घर आ जाता है। 

शर्मीली," अरे ! आ गए तुम ? कहां रह गए थे ? मैं तो कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी ? बच्चे भी कब से तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे ? बच्चे भूखे ही सो गए हैं। "

झुमरू," मैं तो उनके लिए अनाज लेकर आ ही रहा था कि अचानक से एक चोर ने मेरी अनाज की पोटली को धन से भरी पोटली समझकर मुझसे छीन लिया और भाग गया। 

मैं उसके पीछे भाग ही रहा था कि वहां मुझे एक बूढ़े बाबा मिले। मैंने उन्हें अपना सारा हाल बताया और उन्होंने मुझे यह जादुई कैंची दी। " 


शर्मीली," यह क्या कह रहे हैं ? जादुई कैंची..?? मुझे तो यह मामूली सी नजर आ रही है और तुम इसका क्या करोगे ? " 

झुमरू," अरे ! नहीं शर्मीली, बाबा ने कहा है - जब मैं किसी भी गांव वाले के बाल काट लूंगा तो मुझे बिल्कुल भी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। 

बाल खुद ही कट जाएंगे और वह इंसान भी दोबारा मेरे पास ही आएगा। "

शर्मीली," क्या आप सच कह रहे हैं ? यह तो हमारे लिए बहुत अच्छी बात होगी। हमारे बच्चों को भूखा नहीं सोना पड़ेगा और आप पैसे भी दोबारा से कमाने लग जाएंगे। "

झुमरू सिर हिलाते हुए ' हां ' जवाब देता है। इसके बाद सुबह होती है। 

झुमरू अपनी दुकान पर जाता है कि तभी उसे सामने से आवाज आती है। यह आवाज सामने वाले सीनू की थी।

सीनू," क्यों झुमरू भैया, फिर से आ गए दुकान पर ? अरे कोई नहीं आएगा तुम्हारी दुकान पर। सारे गांव वाले अब मेरी ही दुकान पर आने लगे हैं। 

मेरी मानो तो अब तुम अपनी दुकान बंद ही कर दो। आखिर कब तक यूं ही इस दुकान पर खाली बैठे रहोगे भैया..? हा हा हा..."

झुमरू उसकी बातें सुनकर बहुत उदास हो जाता है और किसी गांव वाले का अपनी दुकान पर आने का इंतजार करने लगता है। तभी एक लड़का उसकी दुकान पर आता है। 

लड़का," अरे भैया ! मैं अभी नया नया इस गांव में आया हूं। मुझे अपने बाल कटवाने है।  
"

झुमरू," हां भैया, क्यों नहीं ? मैं आपके ऐसे बाल बनाता हूं कि आप खुश हो जाओगे। "


तभी झुमरू अपनी जादुई कैंची से उस लड़के के बाल काटने लगता है। जैसे ही उसके बाल कट जाते हैं।

लड़का," अरे भैया वाह ! तुम्हारे हाथों में तो जादू है जादू। कितने अच्छे बाल काटे हैं मेरे ? "

झुमरू," क्या भैया आपको वास्तव में मेरे बनाए हुए बाल पसंद आए हैं ? "

लड़का," हां भैया, बहुत ज्यादा। अब मैं आपके ही पास आया करूंगा। "

इसके बाद वह कुछ पैसे झुमरू को देता है और वहां से चला जाता है। अब वह लड़का जब भी किसी गांव वाले से मिलता है तो वह यही कहता कि झुमरू से अच्छे बाल कोई नहीं बनाता।

यह सुनकर गांव वाले झुमरू के पास जाने लगे। एक के बाद एक गांव वाला झुमरू से बाल कटवाने जाने लगा और झुमरू अपनी जादुई कैंची से उनके बाल काटने लगा। 

शर्मीली," अरे ! सच में यह तो चमत्कार ही हो गया है। वाकई में ये तो जादुई कैंची है जो बहुत ही शक्तिशाली है। 

जब से आपने इस जादुई कैंची से गांव वालों के बाल काटना शुरू किया है तब से सभी गांव वाले आप ही के पास आने लगे हैं। "

झुमरू," हां शर्मीली, तुम सही कह रही हो। बाबा ने हमारी ईमानदारी का बहुत अच्छा इनाम दिया है। हे भगवान ! तेरा लाख-लाख शुक्र है। "

शर्मीली," आप सही बोल रहे हो जी। अब तो हमारे बच्चे भरपेट भोजन भी खाते हैं और अच्छे से पढ़ाई भी कर पा रहे हैं। "

झुमरू," अच्छा तो ठीक है। अब मैं चलता हूं। "

झुमरू अपनी दुकान पर आता है। तभी एक मोटा सा आदमी उसकी दुकान पर आता है। 

आदमी," बहुत सुना है गांव वालों से आपके बारे में। कहते हैं... आपके हाथों में जादू है। तो तनिक आज हमारे भी बाल बना दीजिए। "

झुमरू," हां हां भैया, अभी देखिए। कितने सुंदर बाल बनाते हैं? तुम भी पूरे गांव में कहते फिरोगे कि झुमरू से अच्छे बाल कोई नहीं बना सकता। बैठिए कुर्सी पर। "


बाल कट जाने के बाद...
आदमी," वाह झुमरू भैया वाह ! सच में... गांव वाले सच कहा करते थे। कितने सुंदर बाल काटे हैं आपने ? मजा आ गया। शाहरुख खान लग रहा हूं बिल्कुल। "

उसके बाद वह मोटा सा आदमी सीनू के पास जाता है। 

सीनू," अरे सीनू ! तुम तो अपना बोरिया बिस्तर बांध लो भाई।झुमरू के पास तो सच में जादुई कैंची है जो उसके एक इशारे पर बाल काट देती है। देखो जरा देखो मेरा हेयर स्टाइल। "

सीनू," इस झुमरू के बच्चे से तो इसकी जादुई कैंची छीन ही लूंगा। तुम देखते जाना। "

इसके बाद सीनू देखता है कि जब झुमरू खाना खाने के लिए दोपहर में घर की तरफ निकलता है। 


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सीनू," यही सही समय है। इसकी कैंची चुरा लेता हूं। "

सीनू चुपचाप झुमरू की दुकान में घुसकर उसकी जादुई कैंची चुरा लेता है और अपनी दुकान पर आ जाता है।

लड़का," अरे सीनू भैया ! अब जल्दी से मेरे बाल बना दो। आज पास के गांव में लड़की देखने जाना है। "

सीनू," तुम फिकर मत करो भैया। बिल्कुल सही समय पर आए हो। अब देखो क्या कमाल का हेयर स्टाइल बनाता हूं ? "

जादुई कैंची ने उस लड़के को बिल्कुल गंजा कर दिया। 

लड़का," अरे ! यह क्या कर दिया तुमने ? तुमने तो मुझे गंजा ही कर दिया। यह किस जन्म का बदला लिया है तुमने ? 

आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था तुम्हारा ? अब मैं लड़की देखने कैसे जाऊंगा ? "

सीनू," अरे, अरे भैया ! मुझे नहीं पता यह सब कैसे हो गया ? मुझे माफ कर दो भाई। " 

लड़का," एक तो तुमने सारे सर के बाल उड़ा दिया और बोल रहे हो कि मुझे नहीं पता यह सब कैसे हो गया। 


मेरे साथ मजाक कर रहे हो ? सारे गांव वालों को तुम्हारे इस कारनामे के बारे में बताऊंगा। यह अच्छा नहीं किया तुमने। "

ऐसा बोलता हुआ वह लड़का वहां से चला जाता है। उधर दूसरी तरफ जब झुमरू अपनी दुकान में कैंची ढूंढ रहा होता है। 

झुमरू," अरे ! यहीं तो रख कर गया था। कहां चली गई मेरी कैंची ? किसने चुरा ली ? अरे ! अब मैं क्या करूंगा ? " और रोता हुआ अपनी दुकान के बाहर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद एक और आदमी सीनू की दुकान पर आकर बैठा। 

आदमी," अरे सीनू भाई ! जरा मेरे बाल काट दीजिए। मेरे दोस्त की शादी है वहां जाना है। दिखाओ जरा अपने हाथों का जादू। "

सीनू," हां भाई, अभी बनाता हूं। ऐसे बाल बनाऊंगा कि आप सभी दोस्तों में अलग ही चमकोगे। "

लेकिन जैसे ही सीनू उसके बालों में अपनी कैची चलाता है, कैची उसके बालों पर ना चलकर उसके कपड़े काटने लगती है और एक-एक करके उस आदमी के सारे कपड़े काट देती है। इसके बाद उस जादुई कैंची ने सीनू के भी बाल उड़ा दिए। 

आदमी," अरे भाई ! क्या कर रहे हो ? तुमने तो मेरे सारे कपड़े ही काट दिए। यह कैसे काम करते हो ? हटो... अभी-अभी नए कपड़े पहनकर आया हूं। अब इसकी भरपाई कौन करेगा, बताओ ? "

सीनू," भाई, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। यह कैंची मेरे कहने से नहीं चल रही थी। अपनी मनमर्जी कर रही थी। मुझे माफ कर दो। "

आदमी," मैं अभी मुखिया जी को शिकायत करता हूं रुको...। "

और वह आदमी गुस्से से वहां से चला गया। 

सीनू," सब तो इसे जादुई कैंची बता रहे थे। इसने तो मेरा सारा धंधा ही चौपट कर दिया। "

अपनी दुकान के बाहर बैठा झुमरू सब देख रहा था। तभी झुमरू सीनू के पास आता है। 

झुमरू," सीनू, तुमने ही मेरी जादुई कैंची चुराई है ना ? "

सीनू," हां झुमरू, तुम्हारे पास ज्यादा ग्राहक आते थे तो मुझे जलन होती थी। इसलिए मैंने तुम्हारी कैंची चुरा ली। लेकिन तुम्हारी इससे जादुई कैंची ने तो मेरा सारा काम ही बिगाड़ दिया। "


झुमरू," क्योंकि यह जादुई कैंची है। यह मेरी ईमानदारी और अच्छाई के नाते मुझे एक भले बाबा ने दी थी। कोई अगर गलत व्यक्ति इसका इस्तेमाल करना चाहेगा तो यह काम नहीं करेगी। "

सीनू," मुझे माफ कर दो भाई। अब से ऐसी गलती नहीं करूंगा। "

झुमरू," एक गांव में ही रहना है हम दोनों को। तो क्यों ना हम ईमानदारी और बिना छल कपट के अपना अपना काम करें ? "

झुमरू," हे जादुई कैंची अब मुझे आपकी जरूरत नहीं है। कृपया करके आप वापस चली जाओ। "

ऐसा कहते ही जादुई कैंची गायब हो जाती है। उसके बाद झुमरू और सीनू दोनों अपनी-अपनी दुकानों पर ईमानदारी से काम करना शुरू कर देते हैं और कभी भी झगड़ा नहीं करते हैं। 


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जादुई कैंची ने जाते वक्त झुमरू के हाथों में अपना जादू डाल दिया था जिसके कारण झुमरू जिसके भी बाल काटता, वह झुमरू की तारीफ किए बिना नहीं रह पाता।

और हर बार झुमरू के पास ही बाल कटवाने आता। इस तरह झुमरू की दुकान पर खूब भीड़ लगने लगी।


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Pradeep Kushwah

हेलो दोस्तों ! मैं हूं आपका अपना दोस्त , प्रदीप। जब भी आपको कुछ नया सीखना हो या फिर किसी तरह का मनोरंजन करना हो तो हमें जरूर याद करें। हम आपकी सेवा में हमेशा तैयार हैं। अपना प्यार बनाए रखें।