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रिश्ता प्यार का - (भाग - 4) : Hindi Love Story | Best New Love Story in Hindi

रिश्ता प्यार का - (भाग - 4) : Hindi Love Story | Best New Love Story in Hindi
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Aug 18, 2022

New Majedaar & Hindi Love Story - नमस्कार दोस्तो , स्वागत है आप सभी का आज की इस नई और मजेदार कहानी में। आज की इस कहानी का नाम है - "  रिश्ता प्यार का  "। यह एक Hindi Love Story है , जिसे पढ़कर आपको खूब मज़ा आने वाला है।


इस कहानी को हम 14 - भागों में पूरा करेंगे। कहानी को पूरा पढ़ने में हम आपकी मदद करेंगे। यह इस कहानी का ( भाग - 4 ) है।

 रिश्ता प्यार का - भाग (4) 

रिश्ता प्यार का - (भाग - 4) : Hindi Love Story | Best New Love Story in Hindi



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अब तक आपने पढ़ा :-

निशा के कॉलेज का छात्र नेता (विवेक) निशा को काफी परेशान कर रहा है। निशा और कीर्ति के परिवार वाले वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाते हैं। निशा जरूरी लेक्चर के कारण नहीं जाती है। विवेक उस दिन निशा को परेशान करता है। वह घर आ जाती है। वह काफी डरी हुई है तभी उसे एहसास होता है कि उसके घर में कोई है। वह आत्मरक्षा के लिए उस पर वार करने जाती है।

अब आगे :-

निशा जैसे ही अपने कमरे से निकलकर उस शख्स को खोजती है ताकि वह उस पर वार कर सके। तभी कोई उसका डंडा खींचकर उसका हाथ पीछे से पकड़ लेता है। लाइट्स ऑफ होने के कारण निशा उसे देख नहीं पाती। वह आंखें बंद करके बेतहाशा चिल्लाना शुरु कर देती है। 

तभी कोई अपने हाथों से उसका मुंह दबाता है। वह डर के मारे पसीने पसीने हो चुकी है। अचानक वह हाथ उसके मुंह पर से हटता है और लाइट जलती है। फिर भी निशा की आंखें डर के मारे बंद है। तभी कोई कहता है - तुम डरती भी हो, झांसी की रानी !!! यह तो मुझे पता ही नहीं था।


निशा अपनी आंखें खोलती है। वह सामने मानव को खड़ा देखती है। निशा जाकर मानव के सीने से लग कर रोने लगती है।


मानव - सॉरीssss निशा,, मेरा तुम्हें डराने का इरादा नहीं था। वह तो डैड के मोबाइल से आंटी ने रिक्वेस्ट किया कि तुम अकेली हो घर पर; एक बार देखा देख आऊं कि सब ठीक है। मैंने तुम्हें कॉल भी किया था पर शायद नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण तुम्हारी आवाज नहीं आ रही थी। 

फिर तुमने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर दिया। फिर मैंने डोर बैल भी बजाया पर तुमने दरवाजा भी नहीं खोला। इसलिए ऐसे आना पड़ा। सॉरीsss मुझे नहीं पता था कि तुम इतना डर जाओगी।

निशा को अब एहसास हुआ कि वो अब भी मानव के सीने से लगी हुई है। वो उससे अलग होती है। मानव देखता है कि निशा की आंखों में अभी भी आंसू है, वह उसके आंसुओं को पोंछता है।

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मानव - सॉरीsss निशा ! पर तुम तो डरपोक नहीं हो। तुम तो सच में झांसी की रानी हो। निकल गई डंडा लेकर, वो तो मेरा पुराना एक्सपीरियंस था जो मैं बच गया था नहीं तो आज तो मेरा राम नाम सत्य था (वह हंसते हुए माहौल को हल्का बनाने के लिए कहता है)। 


पर निशा अभी भी मौन है। मानव समझ जाता है कि कोई टेंशन की बात है। वह निशा को सोफे पर बैठाता है और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर निशा से पूछता है।

मानव - निशा, एनी प्रॉब्लम ?? व्हाट्स रॉन्ग विद यू ?

निशा - अपने आंसुओं को रोकते हुए ना में सर हिलाती है।

मानव - प्लीज निशा !! यू आर वेरी ब्रेव गर्ल समथिंग इज रॉन्ग ? नहीं तो तुम इस कारण से इतना नहीं रोती। टेल मी व्हाट हैपेंड ?

निशा - नो...नथिंग। (निशा उसे सब दिल खोल के बताना चाहती थी पर किस हक से बताएं) वह कुछ नहीं बताती है। अपने आप को नार्मल करते हुऐ कहती है - आप अंदर कैसे आए ?

मानव - खिड़की से...।

निशा - लगता है खिड़की चढ़ने में आपने PHD कर ली है। लगता है अपनी स्पेशल फ्रेंड के लिए काफी खिड़कियां चढ़ी है आपने ??

मानव - स्पेशल फ्रेंड ?? 🤔🤔

निशा - वही जो पार्टी में आई थी.... रिद्धि।

मानव - रिद्धि... अरे वह तो... वैसे तुम्हें तुमसे किसने कहा कि वह मेरी स्पेशल फ्रेंड है ?

निशा - कीर्ति ने।

मानव - कब ?

निशा - वो... पार्टी के बाद मैंने उससे पूछा था तब।

मानव - और तुमने क्यों पूछा था ?

निशा - क्योंकि आप दोनों कुछ ज्यादा ही... कहते कहते चुप हो जाती है।

मानव उसे गौर से देख रहा होता है। आप कॉफी पिएंगे, मैं कॉफी बना लाती हूं। वैसे भी खिड़की चढ़ने में काफी मेहनत की होग। 😂🤣


वह काफी बनाने चली जाती है। मानव उसे देख कर अपने सर के पीछे के बालों में उंगलियां डालकर अपने बालों को बिगाडते हुए हंसता है। फिर अगले ही पल निशा के इतना डर जाने के बारे में सोचता है। 

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वह सोचता है कि जरूर कोई सीरियस बात है जो निशा उसे नहीं बता रही है। आखिर बताएं भी क्यों... वह है कौन उसका ??  निशा कॉफी के साथ-साथ कुछ स्नैक्स भी ले आती है।

मानव - क्या यार... इतनी मेहनत से खिड़की चढ़कर आया, इतना रिस्क लिया और तुम मुझे डिनर के टाइम पर स्नेक्स खिला कर भेजोगे। निशा टाइम देखती है... अभी 10:00 ही बज रहे होते हैं।





निशा - ओ सॉरीsss आप कॉफी और स्नैक्स लीजिए... मैं डिनर की तैयारी करती हूं। 

मानव - अरे ! इतना परेशान मत हो। तुमने जो अपने लिए बनाया है उसी में शेयर कर लेंगे।

निशा - वो... मैंने कुछ नहीं बनाया।

मानव - नो प्रॉब्लम... अभी 10:00 ही बजे हैं। तुम कॉफी पी कर तैयार हो जाओ,,, हम डिनर के लिए चलते हैं।

निशा - (बढ़ बढ़ाते हुए) नहीं, नहीं ! ( वो जाना तो बहुत चाहती थी) मानव सामने से एक तरह से उसे डेट के लिए पूछ रहा था। पर उसे विवेक का डर है।

मानव - क्यों..??

निशा - मौसम काफी खराब है। मैं बना लेती हूं।

मानव - OK ! पहले साथ में कॉफी पीते हैं, ठंडी हो रही है। कॉफी पीने के बाद निशा खाना बनाने जाती है। वह किचन में जाती है तो वह पूरी - सब्जी और खीर बनाने की तैयारी करती है। मानव भी किचिन में आता है और स्लेव पर बैठ जाता है। वह निशा से पूछता है कि वह शायद उसकी कोई मदद कर सके। 

निशा कहती है - कुछ नहीं। तो भी वह उसकी सब्जी काटने पर मदद करता है और कहता है - सब्जी मैं बना लूंगा। निशा उससे पूछती है कि आपको खाना बनाना आता है ? इस पर वह कहता है कि हॉस्टल लाइफ सब कुछ सिखा देती है। वह दोनों मिलकर खाना बनाते हैं और फिर साथ में खाना खाते हैं। 

डिनर के बाद मानव जाने लगता है और निशा उसे रुकने के लिए कहती है। वह कहती है कि प्लीज वह साहिल के रूम में रुक जाए। उसके घर की चाबी भी नहीं है। उसका इस टाइम कॉलेज लौटना सही नहीं है। मानव के पास चाबी होती है फिर भी वह निशा के लिए रुक जाता है। डिनर के बाद दोनों थोड़ी देर और बात करने के बाद सोने चले जाते हैं। निशा अब शांति से सो जाती है।


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सुबह निशा लेट उठती है। जब उसकी आंख खुलती है तब 9:00 बज चुके है। वह सोचती है कि मानव को तो उसने कॉफी भी नहीं दी। वह जल्दी से उठ रेडी होकर अपनी बालकनी में कपड़े डालने जाती है। मानव अपनी बालकनी में कॉफी का मग पकड़े आंखों से ही उसे ' गुड मॉर्निंग ' विश करता है। 

वह काफी सरप्राइज हो जाती है। फिर वह उसे आंखों से इशारा करती है कि फिर खिड़की से अंदर गए। तो वह हंसता है और हाथों से कॉल उठाने बोलता है। निशा जल्दी से अपने कमरे में जाती है तो देखती है कि रात वाले नंबर से कॉल आ रहा है। वह कॉल उठाती है। 

निशा - हेलो ! 
दूसरी तरफ मानव होता है

मानव - हेलो ! गुड मॉर्निंग ... व्हाट्स अप ?

निशा - गुड मॉर्निंग... अब कब चले गए ? फिर खिड़की से चढ़े क्या ?

मानव - सुबह 4:00 बजे। नहीं... घर की चाबी थी मेरे पास।


निशा - फिर जब मैंने रात में कहा कि आपके पास चाबी भी नहीं है ?

मानव - मैंने इसलिए नहीं बताया क्योंकि तुम रात में काफी डरी हुई थी और सवेरे जल्दी इसलिए आ गया क्योंकि मोहल्ले की औरतों को बात करने का मौका नहीं देना चाहता था। और हां... शायद तुम्हारा तीसरा सवाल होगा - आते वक्त मुझे जगाया क्यों नहीं ?? वह इसलिए क्योंकि तुम काफी लेट सोई थी और काफी गहरी नींद में आराम से सो रही थी। और कुछ...

निशा - नहीं।

मानव - कॉलेज जाओगी ??

निशा - हां।

मानव - अरे हां... निशा एक बात पूछूं ?

निशा - हां।

मानव - तुम्हारी स्कूटी नहीं दिख रही।

निशा - वो खराब हो गई... तो कॉलेज में ही है।

मानव - तो मैं तुम्हें छोड़ दूं... कॉलेज।

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निशा - ओके ! वह निशा को कॉलेज छोड़ता है। और उसे बोलता है कि शाम को वह लेने भी आएगा। फिर मैकेनिक को बुलाकर उसका स्कूटी गैरेज भिजवा देता है। निशा उसके इतना केयर करने पर काफी खुश होती है। पर विवेक का एक दोस्त यह सब देखता है। और वो विवेक को बता देता है। विवेक गुस्से से लाल हो जाता है। वह उस लड़के को निशा पर नजर रखने के लिए कहता है।


इस कहानी का यह भाग यहीं समाप्त होता है। अगर आप जानना चाहते हैं... कहानी में आगे क्या हुआ ?? तो इस कहानी का अगला भाग जरूर पढ़ें।




Special Words :

उम्मीद करता हूं , दोस्तो ! आपको आज की यह Love Story (रिश्ता प्यार का - Hindi Love Story) काफी पसंद आयी होगी। पसंद आयी हो तो नीचे comment में हमें जरूर बताएं। यह इस कहानी का पहला भाग है। अगर आप इस कहानी का अगला भाग भी पढ़ना चाहते हैं तो Comment जरूर करें।

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Pradeep Kushwah

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